class 12th Political Science Ncert Solutions in Hindi Chapter 7

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हमारे www.ncertskill.com  के इस पोस्ट में आपका स्वागत है, इस पोस्ट में आप कक्षा 12 के राजनीति शास्त्र [ खण्ड ‘अ’ समकालीन विश्व राजनीति ] पाठ्यपुस्तक पहला अध्याय-7 समकालीन विश्व में सुरक्षा [Security in Contemporary World]का पूरा समाधान देखेंगे | कक्षा 12 की पाठ्यपुस्तक राजनीति शास्त्र का पूरा समाधान हिंदी में. इस पोस्ट में आप Class 12th Political Science Book Solutions for Mp Board देख सकते है. यह सभी स्टूडेंट्स के लिए फ्री है. आप इस पेज पर 12 political science solutions in Hindi textbook बिलकुल ही फ्री में पढ़ सकते है. यह समाधान कक्षा 12 के राजनीति शास्त्र के नवीनतम पाठ्यक्रम  पर आधारित है. इसमें कक्षा 12 के राजनीति शास्त्र के हर चैप्टर के समाधानं नवीनतम पाठ्यक्रम पर आधारित है.

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Ncert Solutions For Class 12th Political Science in Hindi | 7 समकालीन विश्व में सुरक्षा [Security in Contemporary World]

Class 12th Political Science Ncert Solutions in Hindi Chapter 7

अध्याय 7

समकालीन विश्व में सुरक्षा [Security in Contemporary World]

 

   महत्वपूर्ण बिन्दु

  • सुरक्षा का मूलभूत अभिप्राय खतरे से आजादी है, जिसका सम्बन्ध विशाल एवं ग खतरे हैं।
  • सुरक्षा की दो धारणाएँ पारम्परिक तथा अपारम्परिक हैं।
  • पारम्परिक धारणा के दो स्वरूप बाह्य सुरक्षा तथा आन्तरिक सुरक्षा है।
  • बाह्य सुरक्षा की पारम्परिक नीतियों के अन्तर्गत आत्मसमर्पण, अवरोध, रक्षा, शक्ति सन्तुलन एवं गठबन्धन बनाना आते हैं।
  • परम्परागत धारणा के अनुसार किसी देश की सुरक्षा को प्रमुख खतरा देश की सीमा रेखा के बाहर से होता है।
  • सुरक्षा की तीन परम्परागत विधियाँ- निःशस्त्रीकरण, अस्त्र नियन्त्रण तथा देशों के मध्य परस्पर विश्वास कायम होना है।
  • सुरक्षा की अपारम्परिक धारणा में सैनिक खतरे ही नहीं अपितु मानवीय अस्तित्व पर प्रहार करने वाले व्यापक खतरों एवं आकांक्षाओं को सम्मिलित किया जाता है।
  • सुरक्षा की अपारम्परिक धारणा अभाव एवं भय से छुटकारे पर विशेष बल देती है।
  • अपारम्परिक सुरक्षा की धारणा में अन्तर्राष्ट्रीय आतंकवाद, एड्स, बर्ड फ्लू तथा कोरोना जैसे महामारियाँ, ग्लोबल वार्मिंग, मानवाधिकारों का उल्लंघन, गरीबी, असमानता तथा शरणार्थियों एवं विस्थापितों की समस्या इत्यादि सुरक्षा के नवीन खतरों के अन्तर्गत उल्लेखनीय हैं।
  • विश्वव्यापी खतरों, जैसे वैश्विक ताप वृद्धि, अन्तर्राष्ट्रीय आतंकवाद एड्स बर्ड फ्लू सार्स तथा कोरोना जैसी महामारियों के कारण विश्व सुरक्षा की धारणा उभरी है।
  • सुरक्षा की अपारम्परिक धारणा के दो पक्ष मानवता की सुरक्षा तथा विश्व सुरक्षा है। वर्तमान परिप्रेक्ष्य में सहयोगात्मक सुरक्षा पर विशेष जोर दिया जाता है।
  • हालांकि सुरक्षात्मक मूलक सुरक्षा में अन्तिम उपाय के रूप में बल प्रयुक्त किया ज सकता है लेकिन शक्ति का प्रयोग स्वीकृति से तथा सामूहिक रूप से ही होना चाहिए।

 

    Class 12th Political Science  पाठान्त प्रश्नोत्तर

 

प्रश्न 1. निम्नलिखित पदों को उनके अर्थ से मिलाएँ-

  1. विश्वास बहाली के उपाय (कॉन्फिडेंस बिल्डिंग मेजर्स CBMs)         (क) कुछ खास हथियारों के इस्तेमाल से परहेज
  2. अस्त्र- नियन्त्रण                                                                            (ख) राष्ट्रों के बीच सुरक्षा मामलों पर सूचनाओं के आदान-प्रदान की नियमित प्रक्रिया
  3. गठबन्धन                                                                                     (ग) सैन्य हमले की स्थिति से निबटने अथवा उसके अपरोध के लिए कुछ राष्ट्रों का आपस में मेल करना।
  4. निःशस्त्रीकरण                                                                           (घ) हथियारों के निर्माण अथवा उनको हासिल करने पर अंकुश

उत्तर

  1. विश्वास बहाली के उपाय (कॉन्फिडेंस बिल्डिंग मेजर्स CBMs) (                    ख) राष्ट्रों के बीच सुरक्षा मामलों पर सूचनाओं के आदान-प्रदान की नियमित प्रक्रिया
  2. अस्त्र-नियन्त्रण                                                          (घ) हथियारों के निर्माण अथवा उनको हासिल करने     पर अंकुश
  3. गठबन्धन                                                                  (ग) सैन्य हमले की स्थिति से निबटने अथवा उसके अपरोध के लिए कुछ राष्ट्रों का आपस में मेल करना।
  4. निःशस्त्रीकरण                                                        (क) कुछ खास हथियारों के इस्तेमाल से परहेज

प्रश्न 2. निम्नलिखित में से किसको आप सुरक्षा का परम्परागत सरोकार / सुरक्षा का अपारम्परिक सरोकार’ खतरे की स्थिति नहीं’ का दर्जा देंगे-

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(क) चिकनगुनिया / डेंगू बुखार का प्रसार

(ख) पड़ोसी देश के कामगारों की आमद ।

(ग) पड़ोसी राज्य के कामगारों की आमद

(घ) अपने इलाके को राष्ट्र बनाने की माँग करने वाले समूह का उदय ।

(ङ) अपने इलाके को अधिक स्वायत्तता दिए जाने की माँग करने वाले समूह का उदय ।

(च) देश की सशस्त्र सेना को आलोचनात्मक नजर से देखने वाला अखबार ।

 

उत्तर- (क) सुरक्षा का अपारम्परिक सरोकार ।

(ख) सुरक्षा का पारम्परिक सरोकार

(ग) खतरे की स्थिति नहीं।

(घ) सुरक्षा का पारम्परिक सरोकार

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(ङ) खतरे की स्थिति नहीं।

(च) खतरे की स्थिति नहीं।

 

प्रश्न 3. परम्परागत और अपारम्परिक सुरक्षा में क्या अन्तर है? गठबन्धनों का निर्माण करना और उनको बनाए रखना इनमें से किस कोटि में आता है?

उत्तर—परम्परागत तथा अपारम्परिक सुरक्षा में अनेक अन्तर अथवा भेद हैं जिन्हें संक्षेप में निम्न प्रकार स्पष्ट किया जा सकता है- (1) परम्परागत सुरक्षा की धारणा का सम्बन्ध मुख्यतया बाह्य खतरों से होता है जबकि अपारम्परिक सुरक्षा की धारणा का सम्बन्ध बाह्य खतरों के साथ अन्य खतरनाक खतरों से भी होता है।

(2) परम्परागत सुरक्षा की धारणा में सैन्य खतरों को किसी देश के लिए सर्वाधिक खतरनाक माना जाता है। जबकि अपारम्परिक सुरक्षा में सैन्य खतरों को ही नहीं अपितु मानवीय अस्तित्व पर प्रहार करने वाले व्यापक खतरों एवं आकांक्षाओं को भी खतरनाक समझा जाता है।

(3) परम्परागत सुरक्षा में खतरे का स्रोत कोई विदेशी देश होता है। वह देश सैनिक आक्रमण की धमकी देकर सम्प्रभुता, स्वतन्त्रता तथा क्षेत्रीय अखण्डता जैसे किसी देश के केन्द्रीय मूल्यों की लिए खतरा पैदा करता है अपारम्परिक सुरक्षा की धारणा में खतरे का स्रोत विदेशी राष्ट्र के साथ-साथ कोई अन्य भी हो सकता है।

(4) परम्परागत सुरक्षा में एक देश की सेना एवं नागरिकों को दूसरे देश के सैन्य बल से खतरा होता है अपारम्परिक सुरक्षा की धारणा में देश के नागरिकों से विदेशी सेना के साथ-साथ अपने स्वयं के देश की सरकारों से भी बचना जरूरी होता है।

प्रश्न 4. तीसरी दुनियाँ के देशों और विकसित देशों की जनता के सामने मौजूद खतरों में क्या अन्तर है?

उत्तर- तीसरी दुनियाँ के देशों और विकसित देशों में सुरक्षा के पारम्परिक तथा अपारम्परिक खतरों में अन्तर है। तीसरी दुनियाँ के देश विकासशील अथवा अल्पविकसित हैं तथा पूर्व में उपनिवेशवाद के भी शिकार रह चुके हैं। दूसरे महायुद्ध के पश्चात् आजाद हुए ये देश ज्यादातर गरीब तथा आर्थिक दृष्टिकोण से कमजोर हैं। इसके विपरीत विकसित देश औपनिवेशवादी शोषण का शिकार नहीं बने अतः वे आर्थिक रूप से सम्पन्न हैं।

अतः उक्त परिस्थिति के कारण इन विकसित तथा तीसरी दुनियाँ के देशों में सुरक्षा सम्बन्धी खतरों में भिन्नता अथवा अन्तर होना स्वाभाविक ही है। जहाँ विकसित देशों के लोगों की सिर्फ बाह्य खतरों की ही आशंका रहती है वहीं तीसरी दुनिया के देशों को बाह्य एवं आन्तरिक दोनों ही प्रकार के खतरों का सामना करना पड़ता है।

प्रश्न 5. आतंकवाद सुरक्षा के लिए परम्परागत खतरे की श्रेणी में आता है या अपरम्परागत ?

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उत्तर-        21वीं शताब्दी की वैश्विक सुरक्षा की नवीन चुनौती ‘आतंकवाद’ अपरम्परागत सुरक्षा के खतरों की श्रेणी के अन्तर्गत आता है। आतंकी घटनाओं से निपटने के लिए विश्व के देश क्षेत्रीय अथवा वैश्विक स्तर पर आपसी सहयोग का प्रयोग कर रहे हैं। चूँकि आतंकवाद एक नवीन छिपी हुई चुनौती है अतः इसका मुकाबला परम्परागत सैन्य तरीकों से नहीं किया जा सकता है।

 

प्रश्न 6. सुरक्षा के परम्परागत दृष्टिकोण के हिसाब से बताएं कि अगर किसी राष्ट्र पर खतरा मंडरा रहा हो तो उसके सामने क्या विकल्प होते हैं?

उत्तर–    सुरक्षा की पारम्परिक अवधारणा में सैन्य खतरा किसी भी देश हेतु सर्वाधिक खतरनाक है। परम्परागत धारणा में मुख्यतया सैन्य बल प्रयोग पर अधिक बल दिया जाता है। युद्ध की परिस्थिति में मौलिक रूप से किसी भी राष्ट्र के पास निम्न तीन विकल्प होते हैं-

(1) आत्मसमर्पण – शत्रु देश के सामने आत्मसमर्पण कर देना अथवा दूसरे पक्ष की बात  को बिना युद्ध किए ही मान लेना।

(2) भयावहता का संकेत-युद्ध से होने वाले विनाश को इस सीमा तक बढ़ाने के संकेत देना जिससे हमलावर देश अपने उद्देश्य में सफल न हो पाए।

 

प्रश्न 7. ‘ शक्ति सन्तुलन’ क्या है? कोई देश इसे कैसे कायम करता है?

उत्तर’ –      शक्ति सन्तुलन’ का आशय अन्तर्राष्ट्रीय क्षेत्र में किसी देश को इतना अधिक शक्तिशाली नहीं बनने देना है जिससे कि वह अन्य राष्ट्रों पर अपना प्रभुत्व स्थापित कर सके। जब कोई अपनी शक्ति का विस्तार करने लगता है तथा अन्य राष्ट्र उस पर सैन्य शक्ति द्वारा अंकुश लगा देते हैं तो इस अंकुश को ही शक्ति सन्तुलन की उपमा दी जाती है। शक्ति सन्तुलन बनाने के उपाय- कोई देश अग्र उपायों द्वारा शक्ति सन्तुलन को बनाए रख सकता है-

(1) गठबन्धन-शक्ति सन्तुलन बनाए रखने का प्रमुख उपाय गठबन्धन बनाना है। कोई देश अन्य देश अथवा विभिन्न देशों से गठबन्धन करके अपनी शक्ति में वृद्धि कर सकता है। जिसके फलस्वरूप सम्बन्धित क्षेत्र विशेष में शक्ति सन्तुलन कायम हो जाता है।

(2) शस्त्रीकरण-शक्ति सन्तुलन का एक उपाय शस्त्रीकरण भी है। शक्ति बनाए रखने के लिए एक देश दूसरे देश से सैनिक हथियार प्राप्त कर सकता है। इनका प्रयोग सन्तुलन वह किसी सम्भावित हमले अथवा दुश्मन को दूर करने के लिए कर सकता है।

(3) निःशस्त्रीकरण—चूँकि शस्त्रीकरण की प्रतिस्पर्द्धा ने भयंकर स्वरूप धारण कर लिया था तथा वैश्विक स्तर पर महाविनाश का खतरा मंडराने लगा था। अतः वर्तमान में शस्त्रीकरण के स्थान पर निःशस्त्रीकरण पर विशेष बल दिया जाने लगा है। वर्तमान में विभिन राष्ट्र विश्व शान्ति स्थापित कराने हेतु निःशस्त्रीकरण पर जोर देकर शक्ति सन्तुलन बनाना चाह रहे हैं।

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प्रश्न 8. सैन्य गठबन्धन के क्या उद्देश्य होते हैं? किसी ऐसे सैन्य गठबन्धन का नाम बताएँ जो अभी मौजूद हैं। इस गठबन्धन के उद्देश्य भी बताएँ ?

उत्तर- सैन्य गठबन्धन का उद्देश्य विरोधी देश के सैनिक हमले को रोकना अथवा उससे अपनी सुरक्षा करना होता है। सैन्य गठबन्धन बनाकर एक विशेष क्षेत्र में शक्ति सन्तुलन बनाए रखने का प्रयास किया जाता है। वर्तमान में ‘नाटो’ संगठन अस्तित्व में है जिसमें अमेरिका सहित यूरोप के 19 देश सम्मिलित हैं। सैन्य गठबन्धन ‘नाटो’ के चार्टर में 14 धाराएँ हैं। इसके प्रमुख उद्देश्यों को संक्षेप में निम्न प्रकार स्पष्ट किया जा सकता है-

(1) यूरोप पर हमले के दौरान एक अवरोध की भूमिका का निवर्हन करना।

(2) अपने सैन्य एवं आर्थिक विकास कार्यक्रमों को आगे विस्तार देने के लिए यूरोपीय देशों को एक सुरक्षा कवच प्रदान करना।

(3) अपने सदस्यों में आत्म सहायता तथा पारस्परिक सहायता का विकास करना जिससे वे सशस्त्र हमले के विरोध की क्षमता का विकास कर सकें।

(4) अपने सदस्यों में आर्थिक सहयोग को बढ़ाना तथा उनके विवादों का शान्तिपूर्ण तरीके से समाधान कराना।

प्रश्न 9. पर्यावरण के तेजी से हो रहे नुकसान से देशों में सुरक्षा को गम्भीर खतरा पैदा हो गया है। क्या आप इस कथन से सहमत हैं? उदाहरण देते हुए अपने तर्कों की पुष्टि करें।

उत्तर–    वैश्विक स्तर पर पर्यावरण तेजी से प्रदूषित होता ही चला जा रहा है। इसमें कोई सन्देह नहीं है कि पर्यावरण प्रदूषित होने से सम्पूर्ण मानव जाति को खतरा पैदा हो गया है। कृषि भूमि, जलस्रोत तथा वायुमण्डल प्रदूषण से खाद्य उत्पादों में कमी आई है। ग्लोबल वार्मिंग के कारण हिमखण्ड पिघलने शुरू हो गए हैं जिससे विश्व के अनेक देश प्रभावित हो रहे हैं। भारत के मुम्बई महानगर के तो डूबने तक आशंका व्यक्त की जा रही है। वर्तमान में करोड़ों लोगों को पर्याप्त मात्रा में पीने का जल तक उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। पर्यावरण प्रदूषण से अनेक रोग भी उत्पन्न हुए हैं जिससे आम लोगों के स्वास्थ्य में गिरावट आई है। उक्त से स्पष्ट है कि पर्यावरण के नुकसान से देशों की सुरक्षा के सम्मुख गम्भीर खतरा पैदा हो गया है जिसका सामना सैन्य तैयारी द्वारा नहीं किया जा सकता है। इसके लिए विश्व पटल पर अन्तर्राष्ट्रीय सहयोग की महती आवश्यकता है।

प्रश्न 10 देशों के सामने फिलहाल जो खतरे मौजूद हैं उनमें परमाण्विक हथियार का सुरक्षा अथवा अपरोध के लिए बड़ा सीमित उपयोग रह गया है। इस कथन का विस्तार से वर्णन कीजिए।

 

उत्तर  –   संसार के जिन देशों के पास परमाणु हथियार हैं उनके द्वारा इनके समर्थन में यह तर्क दिया जाता है कि उन्होंने शत्रु देश के आक्रमण से बचने तथा शक्ति सन्तुलन कायम करने के लिए इनका निर्माण किया है। वर्तमान में इन हथियारों का विपुल भण्डारण होने के बावजूद भी एक देश की सुरक्षा की पूर्ण गारन्टी नहीं दी जा सकती है। उदाहरणार्थ आतंकवाद के विस्तार तथा पर्यावरण के खराब होने से फैलने वाले रोगों पर किसी भी परमाणु हथियार को प्रयुक्त नहीं किया जा सकता है। 2020 में चीन से सम्पूर्ण विश्व में फैली कोरोना जैसी आपदा पर भी कोई परमाणु हथियार अंकुश नहीं लगा सकता। अतः हम कह सकते हैं कि वर्तमान में जो खतरे पैदा हुए है। उनमें परमाण्विक हथियार का सुरक्षा अथवा अपरोध के लिए बड़ा ही सीमित उपयोग रह गया है।

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प्रश्न 11. भारतीय परिदृश्य को ध्यान में रखते हुए किस किस्म की सुरक्षा को वरीयता दी जानी चाहिए- पारम्परिक या अपारम्परिक? अपने तर्क की पुष्टि में आप कौन-से उदाहरण देंगे ?

उत्तर- भारतीय परिदृश्य को दृष्टिगत रखते हुए अपारम्परिक सुरक्षा को वरीयता दी जानी चाहिए। इस सन्दर्भ में हम निम्नलिखित तर्क दे सकते हैं-

(1) वर्तमान परिस्थितियों में भारत पर किसी सैन्य आक्रमण का भय लगभग ना के बराबर है। हैं तथा विभिन्न पड़ोसी

(2) वर्तमान में भारत में आतंकवाद ने अपनी जड़े गहरी कर रखी देशों द्वारा प्रायोजित आतंकवाद अपना फन लहरा रहा है।

(3) भारत के पड़ोसी देशों के पास परमाणु हथियार हैं।

(4) कुछ भारतीय प्रदेशों में असामाजिक तत्वों द्वारा लोगों के मानवाधिकारों का हनन किया जा रहा है।

 

प्रश्न 12. नीचे दिए गए कार्टून को समझें। कार्टून में युद्ध और आतंकवाद का जो सम्बन्ध दिखाया गया है उसके पक्ष या विपक्ष में एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।

उत्तर –   उक्त कार्टून द्वारा युद्ध एवं आतंकवाद के सम्बन्ध को बड़ी ही बखूबी दर्शा गया है। युद्धरूपी सूअर द्वारा आतंकवादी बच्चों को दूध पिलाने का अभिप्राय है कि युद्ध ही आतंकवाद का प्रादुर्भाव होता है तथा युद्ध अथवा संघर्ष को परिस्थिति में आतंकवाद पि होता है। अपनी बात के पक्ष में हम निम्न तर्क दे सकते हैं-

(1) दो पक्षों के मध्य वैचारिक अथवा हितों की असहमति से उपजा अथवा पनपा सं ही युद्ध है, जिसमें जो पक्ष कमजोर होता है वह अपनी स्थिति को मजबूत करने हेतु आतंक की मदद लेता है।

 

(2) वैश्विक स्तर पर आतंकवाद को देखने से प्रतीत होता है कि उसके पीछे किस विचारधारा एवं हितों का संघर्ष निहित है। उदाहरणार्थ अमेरिकी सैन्य हस्तक्षेप की वजह से इराक, ईरान, फिलिस्तीन तथा लेबनान में आतंकी गतिविधियों को बल मिला। इसी प्रकार भारत पाकिस्तान के बीच सैन्य संघर्ष की स्थिति के कारण कश्मीर में आतंकवाद को बढ़ावा मिल उक्त से स्पष्ट है कि युद्ध द्वारा आतंकवाद को पोषित किया जाता है तथा संघर्ष की में आतंकवाद फलता-फूलता है।

 

12th Political Science परीक्षोपयोगी अन्य प्रश्नोत्तर

 

                              बहु-विकल्पीय

  1. सुरक्षा का बुनियादी (आधारभूत) तात्पर्य है-

(क) निःशस्त्रीकरण

(ख) आत्मसमर्पण

(ग) गठबन्धन

(घ) खतरे से आजादी

  1. निम्नांकित में पारम्परिक सुरक्षा नीति का तत्व है-

(क) गठबन्धन बनाना

(ख) सामूहिक सुरक्षा

(ग) शक्ति सन्तुलन

(घ) ये सभी

  1. वैश्विक तापवृद्धि निम्नांकित में किस सुरक्षा का मामला है?

(क) वैश्विक सुरक्षा

(ख) सामूहिक सुरक्षा

(ग) मानव सुरक्षा

(घ) इनमें से कोई नहीं।

  1. निम्नांकित में से किस देश को वैश्विक तापवृद्धि से सर्वाधिक खतरा है?

(क) भारत

(ख) मालदीव

(ग) पाकिस्तान

(घ) बांग्लादेश

  1. सुरक्षा की अपारम्परिक धारणा के अनुसार खतरे का नवीन स्रोत कौन है?

(क) वैश्विक निर्धनता

(ख) आतंकवाद

(ग) मानवाधिकार हनन

(घ) ये सभी

  1. शक्ति सन्तुलन के सिद्धान्त का लक्ष्य क्या है?

(क) असन्तुलन

(ख) युद्ध

(ग) यथापूर्व स्थिति

(घ) सन्तुलन।

  1. 2020 में विश्व के अधिकांश देशों में किस रोग ने हाहाकार मचाया ?

(क) मैडकाऊ

(ख) कोविड-19

(ग) एड्स

(घ) पोलियो।

  1. केमिकल वीपन्स कर्वेशन (CWC) सन्धि कितने देशों द्वारा हस्ताक्षरित की गई थी ?

(क) 155

(ख) 181

(ग) 192

(घ) 2001

  1. जैविक हथियार समझौता किस वर्ष हुआ था ?

(क) 1968

(ख) 1972

(ग) 1975

(घ) 1978।

  1. विश्व के 160 देशों ने क्योटो प्रोटोकॉल पर किस वर्ष हस्ताक्षर किए थे?

(क) 1997 में

(ख) 2012 में

(ग) 2010 में

(घ) 2004 में।

  1. एड्स किसके कारण होता है?

(क) कवक

(ख) जीवाणु

(ग) विषाणु

(घ) प्रोटोजोआ

  1. निम्नांकित में से कहाँ सर्वाधिक एच. आई. वी. (एड्स) प्रभावित व्यक्ति हैं?

(क) यूरोप में

(ख) अफ्रीका में

(ग) दक्षिणी अमेरिका में

(घ) एशिया में।

उत्तर- 1. (घ) खतरे से आजादी, 2. (घ) ये सभी, 3. (क) वैश्विक सुरक्षा, 4. (ख) मालदीव 5, (घ) ये सभी, 6. (ग) यथापूर्व स्थिति, 7. (ख) कोरोना-19, 8. (ख) 181, 9. (ख) 1972, 10. (घ) 2004 में, 11. (ग) विषाणु, 12. (ख) अफ्रीका में

 

  रिक्त स्थानों की पूर्ति

  1. 1990 दशक के उत्तरार्द्ध में में————— मैडकाऊ महामारी फैली थी।
  2. वैश्विक स्तर पर सभी देशों को हिलाकर रख देने वाली महामारी कोविड-19 की शुरुआत —————-से हुई।
  3. अपरोध का आशय—————– को रोकना है।
  4. ‘न्यूक्लियर नॉन प्रोलिफरेशन ट्रीटी’ (NPT) समझौता—————– में हुआ था।
  5. सैन्य शक्ति सम्बन्धी किसी भी नियन्त्रण एवं प्रतिबन्ध लगाने के कार्य को—————– कहा जाता है।

उत्तर- 1. ब्रिटेन, 2. चीन, 3. युद्ध की आशंका, 4. 1968, 5. निःशस्त्रीकरण।

 

सत्य / असत्य

  1. भारत को पारम्परिक तथा अपारम्परिक खतरों का सामना करना पड़ा है।
  2. सामूहिक सुरक्षा का अर्थ किसी एक राष्ट्र की सुरक्षा को समाप्त करना है।
  3. यह कदापि सम्भव नहीं है कि विश्व के लगभग 200 देशों के 7 अरब लोगों की सुरक्षा की धारणा एक समान होगी।
  4. अन्तर्राष्ट्रीय तापवृद्धि से थाइलैण्ड को पचास प्रतिशत आबादी को खतरा पहुँचेगा।

 उत्तर- 1. असत्य, 2. असत्य, 3. सत्य, 4. सत्य,

                 जोड़ी मिलाइए

        ‘क’                                                                       

  1. भारत द्वारा दूसरा परमाणु परीक्षण                      (i) केन्या
  2. ब्रह्मोस मिसाइल परीक्षण                                    (ii) 1998
  3. बर्ड फ्लू                                                            (iii) बैंकाक
  4. ददाब शरणार्थी शिविर                                     (iv) वैश्विक सुरक्षा मामला
  5. एड्स पर विश्व का सबसे विशाल                       (v) 2015 अधिवेशन

 

उत्तर- 1. (ii), 2. (v), 3. (iv), 4. (i), 5. (iii).

 

           

12th Political Science  एक शब्द / वाक्य में उत्तर

  1. रासायनिक हथियार सन्धि (CWC) का ड्राफ्ट कब बनकर तैयार हुआ था ?
  2. भारत ने किस वर्ष अपना पहला परमाणु परीक्षण किया था ?
  3. किसके कारण विश्व का वातावरण गर्म होता जा रहा है ?
  4. सुरक्षा की विभिन्न धारणाओं को कुल कितने भागों में विभाजित किया जा सकता है?
  5. 1990-95 के मध्य कितने देशों के बीच कितने युद्ध हुए ?

उत्तर- 1.3 सितम्बर, 1992 2 1974, 3, वैश्विक तापवृद्धि, 4. दो, 5, 1990-95 के मध्य 70 देशों में 93 युद्ध हुए जिनमें लगभग 55 हजार लोग मारे गए।

अति लघु उत्तरीय प्रश्

प्रश्न 1. बाह्य सुरक्षा की किन्हीं दो पारम्परिक नीतियों के नाम लिखिए।

उत्तर- (1) शक्ति सन्तुलन तथा (2) आत्मसमर्पण करना।

प्रश्न 2. कोई चार विश्वव्यापी खतरे लिखिए।

उत्तर- वैश्विक तापवृद्धि, अन्तर्राष्ट्रीय आतंकवाद, एड्स, बर्ड फ्लू ।

प्रश्न 3. वर्तमान विश्व में कौन-कौनसी महामारियाँ उभरी हैं?

उत्तर- एबोला वायरस, हेपेटाइटिस, कोविड-19 तथा हैन्टा वाइरस इत्यादि ।

प्रश्न 4. भारतीय सुरक्षा नीति के कोई दो घटक बताइए।

उत्तर- (1) सैन्य क्षमता को मजबूत करना तथा

(2) अपने सुरक्षा हितों को बचाने हेतु अन्तर्राष्ट्रीय नियमों एवं संस्थाओं को मजबूत करना।

प्रश्न 5. निःशस्त्रीकरण के मार्ग में आने वाली दो कठिनाइयाँ लिखिए।

उत्तर- (1) परस्पर एक-दूसरे के प्रति अविश्वास की भावना तथा

(2) राष्ट्रीय सुरक्षा की आवश्यकता।

प्रश्न 6. वर्तमान में न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप (एन.सी.जी.) के कितने देश सदस्य हैं?

उत्तर-48।

प्रश्न 7. इण्टरनेशनल एटॉमिक एनर्जी एजेंसी (आई.ए.ई.ए.) की स्थापना के दो कारण लिखिए।

उत्तर- (1) सम्पोषित विकास हेतु परमाणु तकनीक का विकास,

(2) परमाणु ऊर्जा का सभी देशों में विकास करना।

प्रश्न 8. सैन्य गठबन्धन के कोई दो उद्देश्य लिखिए।

उत्तर- (1) विरोधी देश के सैन्य हमले को रोकना अथवा उससे अपनी रक्षा करना,

(2) क्षेत्र विशेष में शक्ति सन्तुलन बनाए रखने     का प्रयास करना ।

 

      लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1. परम्परागत सुरक्षा में किन्हीं चार तत्वों को लिखिए।

उत्तर- परम्परागत सुरक्षा के चार तत्व निम्न प्रकार हैं-

(1) सुरक्षा की परम्परागत अवधारणा में सैनिक खतरों को किसी भी देश के लिए सबसे अधिक घातक माना जाता है। इसका स्रोत कोई दूसरा अन्य देश होता है जो सैन्य हमले की धमकी देकर किसी देश के सम्प्रभुता, स्वतन्त्रता तथा क्षेत्रीय अखण्डता को प्रभावित करता है।

(2) किसी भी युद्ध के दौरान सैनिक ही घायल एवं शहीद नहीं होते बल्कि जनसाधारण को भी युद्ध असाधारण क्षति पहुँचाता है।

(3) शक्ति सन्तुलन भी परम्परागत सुरक्षा की ही महत्वपूर्ण तत्व है। कोई भी देश अपने पड़ोसी मुल्क का उचित आकलन करके ही अपनी भविष्य की विधियों को निर्धारित करता है। प्रत्येक शासन अन्य देशों से अपने शक्ति सन्तुलन को लेकर अत्यन्त सावधान रहता है।

(4) परम्परागत सुरक्षा नीति का एक अन्य महत्वपूर्ण तत्व गठबन्धन करना भी है। इसमें विभिन्न देश शामिल होकर सैन्य हमलों को रोकने अथवा उससे रक्षा करने हेतु परस्पर मिल-जुलकर कदम उठाते हैं।

प्रश्न 2. किसी देश के लिए आन्तरिक सुरक्षा क्यों आवश्यक है?

उत्तर- किसी देश के लिए आन्तरिक सुरक्षा क्यों आवश्यक है इसे निम्न बिन्दुओं द्वारा स्पष्ट किया जा सकता है-

(1) कोई भी देश आन्तरिक शान्ति के अभाव में बाह्य आक्रमणों का सामना नहीं कर सकता है।

(2) द्वितीय विश्व युद्ध के पश्चात् आन्तरिक सुरक्षा पर अधिक बल नहीं दिया गया क्योंकि अमेरिका, पूर्व सोवियत संघ तथा पश्चिमी यूरोप के शक्तिशाली देश अपनी आन्तरिक सुरक्षा के प्रति आश्वस्त थे।

(3) अधिकांश यूरोपीय देशों विशेष रूप से पश्चिमी राष्ट्रों के समक्ष अपनी सीमा के भीतर बसे समुदाय अथवा वर्गों से कोई गम्भीर खतरा नहीं था अत: इन्होंने सीमा पार के खतरों पर अपना ध्यान लगाया।

प्रश्न 3. सुरक्षा की पारम्परिक धारणा में विश्वास बहाली के कोई चार उपाय लिखिए।

उत्तर- सुरक्षा की पारम्परिक धारणा में विश्वास बहाली के प्रमुख चार उपायों को निम्न प्रकार स्पष्ट किया जा सकता है-

(1) विश्वास बहाली से दो देशों के बीच पनपने वाली हिंसा को न्यूनतम स्तर तक लाया जा सकता है।

(2) विश्वास बहाली प्रक्रिया में सैनिक टकराव एवं प्रतिद्वन्द्विता वाले देशों के मध्य सूचनाओं व विचारों का सीमित आदान-प्रदान किया जाता है।

(3) सुरक्षा की पारम्परिक धारणा में विश्वास बहाली प्रक्रिया द्वारा दो देशों के बीच उत्पन्न  होने वाली गलतफहमी से बचाव किया जा सकता है।

 

प्रश्न 4. अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ते हुए आतंकवाद के कोई चार कारण लिखिए।

उत्तर- (1) नवीन सूचना प्रौद्योगिकी एवं तकनीक ने आतंकवादियों के दुस्साहस में काफी तेजी से बढ़ोत्तरी की है, जिसकी वजह से आतंकवाद सम्पूर्ण संसार में फैल चुका है।

(2) जमाखोरी, तस्करी, वायुयानों के अपहरण तथा पानी के जहाजों को बन्धक बनाने इत्यादि जैसी घटनाओं के पीछे किसी-न-किसी रूप में तेजी से अर्थव्यवस्था का हो रहा वैश्वीकरण है। वैश्वीकरण की वजह से आतंकी किसी भी देश की मुद्रा का अन्तरण बड़ी सरलता से करा लेते हैं।

(3) यातायात के सुगम साधनों तथा स्वचालित वाहनों ने भी वैश्विक स्तर पर आतंकवाद को प्रोत्साहित किया है।

प्रश्न 5. निःशस्त्रीकरण की आवश्यकता किन कारणों से हैं? कोई चार कारण लिखिए।

उत्तर- निःशस्त्रीकरण की आवश्यकता निम्न कारणों से है-

(1) वैश्विक शान्ति की स्थापना हेतु निःशस्त्रीकरण परमावश्यक है।

(2) देशों को आर्थिक नुकसान से बचाने के लिए निःशस्त्रीकरण बहुत ही जरूरी है।

(3) पर्यावरण की रक्षा एवं विकास कार्यों हेतु भी निःशस्त्रीकरण आवश्यक है।

(4) आणविक हथियारों से बचने का एकमात्र उपाय निःशस्त्रीकरण ही है।

प्रश्न 6. निःशस्त्रीकरण की असफलता के कोई चार कारण लिखिए।

उत्तर- निःशस्त्रीकरण की असफलता के प्रमुख रूप से निम्नलिखित कारण है-

(1) निःशस्त्रीकरण एकपक्षीय होने की वजह से अधिकांश देशों की इस ओर से रुचि कम होती जा रही है।

(2) हथियारों का निर्माण करने वाली कम्पनियों के निजी स्वार्थ भी निःशस्त्रीकरण के रास्ते में बड़ी रुकावट पैदा कर रहे हैं।

(3) विभिन्न राष्ट्रों को निःशस्त्रीकरण के प्रति वैचारिक मतभेद भी निःशस्त्रीकरण की असफलता की मुख्य की मुख्य वजह कही जा सकती है।

 

  दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1. शक्ति सन्तुलन की प्रमुख विशेषताएँ समझाकर लिखिए।

उत्तर- शक्ति सन्तुलन की विशेषताएँ  –  शक्ति सन्तुलन की प्रमुख विशेषताओं को संक्षेप में निम्न बिन्दुओं द्वारा स्पष्ट किया जा सकता है-

(1) यथापूर्व स्थिति समर्थक   शक्ति सन्तुलन सिद्धान्त द्वारा वैश्विक स्तर पर ‘यथा स्थिति’ बनाए रखने का प्रत्येक सम्भव प्रयास किया जाता है।

 (2) परिवर्तनशीलता – शक्ति सन्तुलन द्वारा विभिन्न देशों की शक्तियों में सन्तुलन बनाए रखने का प्रयास किया जाता है। शक्ति सन्तुलन की स्थिति बदलती रहती है तथा उसका अर्थ असन्तुलन में निहित होता है।

(3) लोकतान्त्रिक राज्यों हेतु महत्त्वपूर्ण   – शक्ति सन्तुलन की उपादेयता केवल लोकतान्त्रिक राज्यों के लिए है तथा अधिनायक शासन वाले देश शक्ति सन्तुलन में कोई आस्था नहीं रखते हैं।

(4) शान्ति उपकरण नहीं  — मौलिक रूप से देखा जाए तो शक्ति सन्तुलन शान्ति स्थापित करने वाला कोई उपकरण नहीं है। यह तो युद्ध को सन्तुलित बनाने वाला साधन है। इसका अन्तिम परिणाम युद्ध ही होता है।

 

प्रश्न 2. भारतीय सुरक्षा नीति के विभिन्न घटकों का वर्णन कीजिए।

उत्तर-                भारतीय सुरक्षा नीति के घटक

भारतीय सुरक्षा नीति के मुख्यतया चार घटक हैं जिन्हें संक्षेप में निम्न प्रकार स्पष्ट किय जा सकता है-

1) सैन्य क्षमता-     (अपने पड़ोसियों के आक्रमणों से बचाव हेतु भारत को अपनी मै क्षमता को सुदृढ़ करना चाहिए। भारत पर पाकिस्तान ने अनेक हमले किए हालांकि उनमें उसने मुँह की खाई है। दक्षिण एशियाई क्षेत्र में भारत के चारों तरफ परमाणु शक्ति सम्पन्न देश है। इसलिए हमने 1974 एवं 1998 में परमाणु परीक्षण करके सभी को यह आभास करा दिया कि इस क्षेत्र में हम पिछड़े हुए नहीं हैं।

(2) अन्तर्राष्ट्रीय नियमों तथा संस्थाओं को मजबूत करना –   हमने अपने सुरक्षा हित – को बचाने के लिए अन्तर्राष्ट्रीय नियम तथा संस्थाओं को मजबूती प्रदान करने में अपना भरपूर सहयोग दिया है। प्रथम भारतीय प्रधानमन्त्री पण्डित जवाहरलाल नेहरू ने एशियाई एकत औपनिवेशीकरण तथा निःशस्त्रीकरण के सप्रयासों का पुरजोर समर्थन विश्वपटल से प हुआ नहीं है। भारत ने जहाँ संयुक्त राष्ट्र संघ को अन्तिम मंच मानने पर बल दिया वहीं हमने नवीन अन्तर्राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था की माँग भी उठाई।

(3) भारत की आन्तरिक सुरक्षा तथा समस्याएँ    – भारतीय सुरक्षा नीति का तीसरा महत्त्वपूर्ण घटक देश की आन्तरिक सुरक्षा समस्याओं से निपटने की तैयारी है। नागालैण्ड, मिजोरम तथा पंजाब एवं संघ शासित प्रदेश कश्मीर आदि में अलगाववादी संगठन सक्रिय है। अतः हमने राष्ट्रीय एकता को मजबूती प्रदान करने का भरसक प्रयास किया है। भारत ने लोकतान्त्रिक तथा राजनीतिक व्यवस्था का पालन किया है जिसमें सभी समुदाय के लोगों तथा जन समूहों को अपनी-अपनी आपत्तियाँ रखने का भरपूर मौका दिया गया है।

(4) निर्धनता एवं अभाव से छुटकारा –  हमारे देश ने ऐसी व्यवस्थाएँ करने का प्रयास किया जिससे अधिक-से-अधिक भारतीयों को गरीबी एवं अभाव से छुटकारा मिल सके और नागरिकों के बीच आर्थिक असमानता समाप्त हो जाए। अन्त में निष्कर्ष स्वरूप कहा जा सकता है कि भारतीय सुरक्षा नीति व्यापक स्तर पर सुरक्षा की नवीन तथा प्राचीन चुनौतियों को दृष्टिगत रखते हुए ही तैयार की जा रही हैं

Conclusion :

इस पोस्ट में हमने MP Board, cg board…etx.  के कक्षा 12 राजनीति शास्त्र पाठ्यपुस्तक के पहले अध्याय-7 समकालीन विश्व में सुरक्षा [Security in Contemporary World]का समाधान को देखा, हमारे इसी वेबसाइट पे आपको कक्षा 12 के जीवविज्ञान के सलूशन, भौतिकी के सलूशन, गणित के सलूशन, रसायन विज्ञान के सलूशन, अंग्रेजी के सलूशन भी मिलेंगे. आप उन्हें भी ज़रूर देखे.

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